Gulzar Shayari । dard shayari । couple Shayari । Rude Shayari । tanhai Shayari शायरी कहना और सुन्ना लगभग सभी को पसंद होता है, कुछ शायरियां दिल तक झकझोर देती हैं, तो कुछ शायरियां होंठो पर मुस्कराहट और दिल की किसी की याद जगा देती है, वैसे तो mahakalshayari .xyz पर बहोत शायरियां पहले से मौजूद है पर आज आपके लिए ख़ास gulzar shayari, couple shayari, tanhai shayari , Do Line Shayari ले कर आया हूँ, उम्मीद है आपको पसंद आएगी, अगर पसंद आये तो कमेंट में जरूरर बताएगा और अपने दोस्त या लवर के साथ शेयर कीजियेगा .
हम तन्हाई में भी तुझसे बिछड़ने से डरते हैं
तुझे पाना अभी बाकी है और खोने से डरते हैं
Hum Tanhai me nahi tujhse bichadne se darte hai
Tujhe paana abhi aaki hai aur khone se darte hai
पा लेने की बेचैनी और खो देने का डर
बस इतना ही है ज़िन्दगी का सफर
Paa lene ki bechaini aur kho dene ka darr
Bas itna hi hai zindagi ka safar
खैरियत नहीं पूछते मेरी मगर खबर रखते हैं
मैंने सुना है की वो मुझ पर नज़र रखते है
Khairiyat nahi puchte meri magar khabar rakhte hai
Maine suna hai ki wo mujh par nazar rakhte hai
लाखों सवाल ज़हन में गुफ्तगू किया करते है
बेपनाह मोहब्बत करने वाले क्यों खामोश जिया करते है
Laakho sawal jahan me guftagu kiya karte hain
Bepanah mohabbat karne wale kyu khamosh jiya karte hai
कहाँ कहाँ से इकठ्ठा करूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
जिधर देखूं तू ही तू बिखरी पड़ी है
Kahan kahan se ikattha karu ae zindagi tujhko
Jidar dekhu tu hi tu bikhari padi hai
आदत बदल गयी है वक़्त काटने की
अब तो हिम्मत भी नहीं होती किसी से अपना दर्द बाटने की
Aadat badal gayi hai waqt kaatne ki
Ab to himmat bhi nahi hoti kisi se apna dard batne ki
तुझे दुसरो से बात करते देखा तो बहोत दुःख हुआ
फिर याद आया की हम कौन से तेरे अपने हैं
Tujhe dusro se baat karte dekha to bahot dukh hua
Fir yaad aaya ki hum koun se tere apne hai
सोचकर बाजार गया था अपने कुछ आंसू बेचने
हर खरीदार बोला अपनों के दिए तोहफे बेचा नहीं करते
Sochkar bazar gaya tha apne kuch aansu bechne
Har kharidar bola apno ke diye tohfe becha nahi karte
किस कदर तेरी चाहत को अपने पास लिए बैठे हैं
तू मेरा नहीं फिर भी तेरी आस लिए बैठे हैं
Kis kadar teri chahat ko apne paas liye baithe hai
Tu mera nahi fir bhi teri aas liye baithe hai
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लौट आना तू मेरे दिल का करार बनकर
रह गयी है ज़िन्दगी तेरा इंतज़ार बनकर
Lout aana tu mere dil ka karar bankar
Rah gayi hai zindagi tera intzar bankar
तुमने जो मेरे दिल को छूना छोड़ दिया
कम्बखत लफ्ज़ो ने खूबसूरत होना छोड़ दिया
Tumne jo mere dil ko chhuna chhod diya
Kambakht lafzo ne khubsurat hona chhod diya
ऐ ज़िन्दगी तू खेलती बहोत है खुशियों से हमारी
हम भी इरादों के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोड़ेंगे
Ae zindagi tu khelti bahot hai khushiyon se humari
Hum bhi irado ke pakke hai muskurana nahi chhodenge
वो जहर देता तो दुनिआ की नज़रों में आ जाता
कमाल का शक्श था प्यार किया और छोड़ दिया
Wo zahar deta to dunia ki nazro me aa jaata
Kamaal ka shaksh tha pyar kiya aur chhod diya
कौन भूल पाता है मोहब्बत के दिन
हर शक्श के पास एक तारीख पुरानी होती है
Koun bhul paata hai ke din
Har shaksh ke paas ek tarikh purani hoti hai
बड़ा ही फर्क था तेरी और मेरी मोहब्बत में
तूने सिर्फ आजमाया, हमने सिर्फ यकीन किया
Bada hi fark tha teri aur meri mohabbat me
Tune sirf aajmaya, humne sirf yakeen kiya
हालातों ने खो दी इस चेहरे की मुस्कान
वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे
Halato ne kho di chehre ki muskaan
Warna jaha baithte the rounak la diya karte the
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दर्द तो हमेशा अपने ही देते हैं
वरना गैरों को क्या पता की आपको तकलीफ किस बात से है
Dard to hamesha apne hi dete hai
Warna gairo ko kya pata ki aapko taklif kis baat se hai
बच बच के चलता रहा कांटो से उम्र भर
क्या खबर थी की चोट फूल से लग जाएगी
Bach bach kar chala raha kaanto se umar bhar
Kya khabar thi ki chot phool se lag jayegi
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
Kitani Lambi Khaamoshi Se Guzara Hoon
Un Se Kitana Kuchh Kehne Ki Koshish Ki
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना!!
Mehfil mein gale milkar vah dheere se keh gaye,
Ye duniya ki rasm hai, ise mohobbat mat samajh lena!!
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कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा!
Koi pooch raha hai mujhse ab meri zindagi ki keemat,
Mujhe yaad aa raha hai halka sa muskurana tumhara!
कुछ
पल बैठा करो बुजुर्गों के साथ
हर चीज गूगल पर नहीं मिलती
घुटन
क्या चीज है पूछिए उस बच्चे से
जो काम करता है रोटी के लिए खिलौनों के दुकान पर
लोग
कहते हैं समझो तो खामोशियां भी बोलती है
मैं अरसो से खामोश हूं वह बरसों से बेखबर है
उम्र
जाया कर दी लोगों ने औरों में नुस्खे निकालते निकालते
इतना खुद को तराशा होता तो फरिश्ते बन जाते
अक्सर
वही दीए हाथों को जला देते हैं
जिनको हम हवा से बचा रहे होते हैं
मैं
दिया हूं मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अंधेरों से है
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ है
मैंने मौत को देखा तो नहीं पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त जो भी उससे मिलता है, जीना ही छोड़ देता है...
कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते
एक बार मेरी खैरियत तो पूछकर देखिए
घर में अपनों से उतना ही रूठो कि आपकी बात
और दूसरों की इज्जत दोनों बरकरार रह सके
मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म,
ये वो जुर्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहतें हैं।
बचपन में भरी दोपहरी नाप आते थे पूरा मोहल्ला
जब से डिग्रीयां समझ में आईं पांव जलने लगे.
अगर आँसुओ की किम्मत होती,
तो कल रात का तकिया अरबों का होता।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
क़िताबें माँगने, गिरने, उठाने के बहाने जो रिश्ते बनते थे,
अब उनका क्या होगा, वो शायद अब नही होंगे।
गए थे सोचकर की बात बचपन की होगी,
मगर दोस्त मुझे अपनी तरक्की सुनाने लगे।
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