Ignore Shayari । Dhoka Shayari । Dhokebaaz Shayari । Bewafa Dard Bhari Shayari

Ignore Shayari । Dhoka Shayari । Dhokebaaz Shayari  ।  Bewafa Dard Bhari Shayari


Ignore Shayari । Dhoka Shayari । Dhokebaaz Shayari  ।  Bewafa Dard Bhari Shayari



सोचा था किस्मत को बदल देंगे अपनों के साथ से 
पर अपने तो खुद ही बदल गए किस्मत के हिसाब से 


हम झूठो के बीच में सच बोल बैठे 
वो नमक का शहर था और हम ज़ख्म खोल बैठे



क़यामत तक याद करोगे के किसी ने दिल लगाया था
एक होने की उम्मीद भी नहीं थी, फिर भी पागलों की तरह चाहा था  



छोड़ते भी नहीं हाथ मेरा और थामते भी नहीं 
ये कैसी मोहब्बत है उनकी, गैर भी नहीं कहते हमें 
और अपना मानते भी नहीं 



घाव गहरा था बहोत पर दीखता न था 
दिल भी बहोत दुखता था पर कोई समझता न था 
बाद में सब कहते तो है की हमसे कह सकते थे 
पर जब जब कहना चाहा कोई सुनता न था 


काश सड़को की तरह ज़िन्दगी के रास्तों पर भी लिखा होता की
आगे खतरनाक मोड़ है ज़रा संभल कर चले 



कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे 
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे 
यूँ घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है 
मैं कभी न जागु मुझे ऐसी नींद सुला दे 



जितना अंदर से टूट रहे है उतना ही बाहर से मजबूत हो रहे हैं 
देख ना ऐ ज़िन्दगी हम एक साथ दो किरदार कितने अच्छे से निभा रहे हैं 

Ignore Shayari । Dhoka Shayari । Dhokebaaz Shayari  ।  Bewafa Dard Bhari Shayari



मेरे कुछ करने से ये दुनिया हैरान क्यों है
मुझे खुश देख के ये परेशां क्यों है 
मेरी काबिलियत पर किसी की नज़र नहीं जाती 
मेरी गलतियों पर ही सबका ध्यान क्यों है 
अच्छाइयां भी है मुझमे, जिनका कोई ज़िक्र नहीं करता 
मेरी बुराइयों के ही चर्चे सरेआम क्यों हैं 


जिसके गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है 
उसने बार बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है 


वो तोड़ गए दिल अब बवाल क्या करें 
खुद ही किया था पसंद अब सवाल क्या करें 


खुश नसीब होते है बदल जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते है 
और एक हम है जो एक दुनिआ में रहकर भी मिलने को तरसते हैं 


एक दिमाग वाला दिल मुझे भी दे दे खुदा 
ये दिल वाला दिल सिर्फ तकलीफ देता है


ये ज़िन्दगी आज कल मुझसे नाराज रहती है 
लाख दवाइयां खाऊ तबियत ख़राब रहती है 



बहोत उदास है कोई तेरे जाने से
हो सके तो लौट आ किसी बहाने से 
तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख
कोई टूट सा गया है तेरे दूर जाने से 



जो पाना है ही नहीं उस पर हक़ जाताना क्या 
जो तकलीफ न समझे उसे दर्द बताना क्या 

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